Wednesday, August 11, 2021

आयतुल कुर्सी


اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ لاَ تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ بِمَا شَاءَ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ وَلاَ يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ

हदीसों से यह बात पूरी तरह साबित है की नबी सल्ल० ने फरमाया है कि जो आदमी हर नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी शरीफ पढ़ा करे तो वह जन्नत में जायेगा और रात पढने वाले के पास शैतान कभी न आए और वह आदमी दुनिया की बलाओं से बचा रहे | अगर जुमे के दिन असर की नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी किसी भी अलग जगह पर पढ़े तो सारी हाजते पुरी हो जाए । आयतुल कुर्सी का पढ़ना अपना मामूल बना ले तो हमेशा राहत व कामयाबी से गुजरे । आयतुल कुर्सी यह है ‌‌‌‌‌‌--

अल्ला हु ला इलाहा इल्लाहुवल हय्युल कय्यूम ला ताखुजुहू सिन – तुव्वला नवम0 लहू माफिस्समावाति व मा फिल अर्जी0 मन जल्ल्जी यश्फऊ इन्दहू इल्ला बिइजनिही0 या अलमु मा बयना अयदी हिम वमा खल फहुम वला युहीतूना बिशयइन मिन अिलमिहि इल्ला बिमा शा आ वसिआ कुर सिय्यु हुस्समावाति वल अर्जा वला यऊदुहू हिफ्जुहुमा व हुवल अलीयुल ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌- अजीम0

तर्जुमा : अल्लाह ‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌के सिवा कोइ इबादत के कोई योग्य नही वह जिन्दा है सम्भालने वाला न उसे ऊंघ आती है न नींद । जो कुछ जमीन और आसमान के बीच है कौन है जो उसके पास सिफारिश कर सके उसकी इजाजत के बिना । वह जानता है हाजिर व गायब हालात और वह मौजूदात उसकी मालूमात में से किसी चीज को भी अपने इल्म मे नही ला सकते मगर जितना इल्म वह चाहे उसकी कुर्सी ने सब आसमानो और जमीन को अपने अन्दर ले रखा है और उसे इन दोनो की हिफाजत कुछ मुश्किल नही है वह बुलन्द दर्जे वाला है ।

1 comment:

  1. बेशक अल्लाह बहुत मेहरबान और करम करने वाला है ।

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